(1) अपनी जरूरत के अनुसार ही Inverter का चयन करना जरूरी है। याद रखें कि इनवर्टर जनरेटर नहीं होता है। Inverter एक सीमित मात्रा में ही पॉवर बैकअप देता है। ऐसे में आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि आपको कितने बल्ब, पंखे और इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलाने हैं, जिनके लिए आपको पॉवर बैकअप की आवश्यकता है।
(2) इनवर्टर खरीदते समय उसकी बैटरी का चयन समझदारी से करें। वैसे तो आमतौर पर इनवर्टर के लिए आपको बैटरी अलग से खरीदनी होती है। इसके अलावा कुछ ऐसी ब्रांडेड कंपनियां भी है जो Inverter और बैटरीज साथ में देती हैं। लेकिन दोनों तरह की कंडीशन में आपको बैटरी का चयन समझदारी से करना होगा।
(3) इनवर्टर खरीदते समय उसके प्रकार के बारे में जरूर जाने लें। इनवर्टर दो प्रकार के होते हैं मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर तथा प्योर साइन वेव इनवर्टर। यदि इनवर्टर की कीमत की बात करें तो मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर प्योर साइन वेव इनवर्टर की अपेक्षा सस्ते होते हैं। लेकिन वहीं अगर क्वालिटी की बात करें तो प्योर साइन वेव इनवर्टर ज्यादा अच्छे माने जाते हैं।
(5) आजकल मार्केट में Inverter के साथ ही होम यूपीएस भी उपलब्ध है। यह इनवर्टर तथा यूपीएस दोनों का कार्य पूरा करता है। जहां एक सामान्य सा Inverter स्विच होने में 500 मिली सेकंड का समय ले लेता है, वहीं होम यूपीएस केवल 3 से 5 सेकंड में ही स्विच हो जाता है। आप अपनी आवश्यकतानुसार दोनों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।